Sunday 28 July 2013

निर्मल निर्झर नीर ,

निर्मल   निर्झर   नीर   ,
 नीरद  का  अम्बर  देखा ,
मन  उत्कंठा  मोर  देख ,
मन  विह्वल  नाचे ,
चातक,  मीन,   नीर  ,
मन  भावै ,
स्वाति  बूँद   चातक  
   रस  पावै ,,
निर्मल   निर्झर   नीर   ,
 नीरद  का  अम्बर  देखा ,
जैसे  मीन  मेघ 
 जल  पाई ,
 स्वाति  बूँद  
शीप   महि  जाई ,
मोती  होई  सुलभ 
जग  सोई ,
तथा  कथित   यह  शब्द 
न होई ,, 
निर्मल   निर्झर   नीर   ,
 नीरद  का  अम्बर  देखा ,
 हरित  होई  जल  
पाई  तडागा ,
मानव  मन   उत्कंठा   जागा ,,,
निर्मल   निर्झर   नीर   ,
 नीरद  का  अम्बर  देखा ,

चहुँ  दिश  हरित  , 
होई  जग माहीं ,,
धरा  नीर  अमृत 
होई  जाहीं 
निर्मल   निर्झर   नीर   ,
 नीरद  का  अम्बर  देखा ,

 

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